निवेशकों को लगातार नए अवसरों की तलाश करनी चाहिए और उन्हें यह भी पता होना चाहिए कि मौजूदा निवेश से कब बाहर निकलना है। जोखिम को कम करने और वेल्थ को बढ़ाने के लिए उन्हें समय-समय पर अपने निवेश को रीबैलेंस करने की आवश्यकता होती है।


किसी भी बैलेंस्ड इंवेस्टमेंट पोर्टफोलियो को तैयार करने से पहले आप यह जांचते हैं कि वह स्टॉक कैसा प्रदर्शन कर रहे हैं या वह आने वाले वक्त में कितना रिटर्न देंगे। यह सब जांचने-परखने के बाद भी ऐसा कई बार होता है कि आपका मूल्यांकन या पूर्वानुमान गलत हो गया हो। हो सकता है कि आपके कई स्टॉक आपके अनुमान से बेहतर प्रदशर्न कर रहे हों या फिर आपके अनुमान से खराब प्रदर्शन कर रहे हों। 


रीबैलेंस


रीबैलेंस निवेशकों को बाजार के बाहर की स्थितियों, क्वॉलिटी स्टॉक-पिकिंग और अनुशासित बिक्री रणनीति के आधार पर तेजी मंदी पोर्टफोलियो स्टॉक को पुनर्व्यवस्थित करने में मदद करता है।


तेजी मंदी पोर्टफोलियो रीबैलेंस के दौरान हम पोर्टफोलियो से 1-2 स्टॉक बेच सकते हैं और पोर्टफोलियो में 1-2 और जोड़ या खरीद सकते हैं। ये रीबैलेंस अपडेट ईमेल, व्हाट्सएप और पुश नोटिफिकेशन पर भेजे जाते हैं।


रीबैलेंस क्यों जरूरी है?


पोर्टफोलियो रीबैलैंस का मुख्य उद्देश्य रिस्क मैनेजमेंट में सुधार करना और यह सुनिश्चित करना होता है कि आपका पोर्टफोलियो केवल एक निवेश के प्रदर्शन या हानि पर निर्भर ना करे। एक निवेशक के लिए रीबैलेंस जोखिम को कम करने की तकनीक होती है। यह नियमित आधार पर पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करके निवेशक के उद्देश्यों अनुरूप निवेश को व्यवस्थित करने की कोशिश करता है।


रीबैलेंसिंग के बारे में और जानने के लिए इन आर्टिकल को पढ़ें