- निवेशकों को लगातार नए अवसरों की तलाश करनी चाहिए और यह समझ पैदा करनी चाहिए कि नुकसान देने वाले स्टॉक्स को कब बाहर करना है। अपने जोखिम को कम करने व मुनाफा कमाने के लिए उन्हें नियमित रूप से रीबैलेंस करना चाहिए। 


- यदि आपको लगता है कि एक बार स्टॉक्स को चुनकर उनमें निवेश कर देने से आपका काम पूरा हो गया है तो माफ करिए आप बहुत गलत सोचते हैं। अपने निवेश पोर्टफोलियो की नियमित आधार पर समीक्षा करना बहुत जरूरी है। इससे पता चलता है कि आप किस तरफ रुख कर रहे हैं नुकसान की तरफ या मुनाफे की तरफ। अपनी रिस्क कैपेसिटी को ध्यान में रखते हुए आपको नियमित रूप से पोर्टफोलियो रीबैलेंसिंग करनी चाहिए। 


- वक्त के साथ हर चीज में बदलाव आना स्वभाविक बात है। यह बदलाव आपकी जिंदगी व जरूरतों में भी आता है और इसके अनुरूप ही आपका रिस्क प्रोफाइल भी बदल जाता है और आपकी रिटर्न की उम्मीद भी। यदि आप चाहते हैं कि आपके इस बदलाव के अनुसार ही आपके निवेश में भी बदलाव आए तो आपको पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करने जरूरत पड़ेगी।


और पढ़ें,


पोर्टफोलियो रीबैलेंसिंग आगे रहने में आपकी कैसे मदद करता है?